नियमो के मुताबिक हमेशा हर मैच में पहले टॉस होता है और टॉस जीतने वाली टीम गेंदबाजी या बल्लेबाजी करने का निर्णय लेती है।
लेकिन 2011 वर्ल्ड कप में दौरान फाइनल मैच में दो बार टॉस करने की नौबत आई थी। यह सब मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था । जहां भारत और श्रीलंका टीम के बीच 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला जा रहा था। क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि जब दो बारी टॉस करने की नौबत अा गई थी ।
भारत और श्रीलंका टीम के बीच टॉस के दौरान दरअसल कुछ ऐसा हुआ था कि भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब सिक्का उछाला, तो इसे लेकर भ्रम था कि श्रीलंका टीम के कप्तान कुमार संगकारा ने हेड बोला या टेल। कुमार संगकारा और धोनी के बीच बातचीत होने के बाद रेफरी ज्योफ क्रो ने दुबारा टॉस करने का निर्णय लिया । श्रीलंका टीम के कप्तान ने हालाकि दूसरे मौके पर टॉस जीता और फाइनल मैच में पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया ।
श्रीलंका टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 274 रन बना सकी । लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। लेकिन गौतम गंभीर और धोनी के शानदार प्रदर्शन के कारण भारत ने यह मैच आसानी से जीत लिया।
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